भिलाई। 29 जनवरी, 2024, )सीजी संदेश) : आज संयुक्त यूनियन ने मेन गेट के इंक्यूपमेंट चौक पर गेट मीटिंग कर कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि 19 जनवरी को सेल स्तर पर हुए घोटाले को उजागर करते हुए केंद्र सरकार के स्तर पर कुछ डायरेक्टर एवं सेल के उच्च स्तरीय अधिकारियों का सस्पेंड होना ना केवल निंदनीय है बल्कि औद्योगिक जगत में सेल को शर्मसार करने वाली घटना है जिसके लिए दोषी अधिकारियों पर जांच कर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए
29 जनवरी को बैठक बुलाने का झांसा दे रहा था प्रबंधन
गेट मीटिंग में संयुक्त नेताओं ने कहा 20 जनवरी को आयोजित हुए एनजेसीएस बैठक में यूनियनों ने लंबित मुद्दों का निराकरण कर वेतन समझौते को अंतिम रूप देने, सभी कर्मियों के लिए एक अतिरिक्त इन्क्रीमेंट देने, पिछले वर्ष से अधिक बोनस तय करने हेतु बोनस फार्मूले पर पुनः चर्चा करने, ठेका कर्मियों के लिए वेतन वृद्धि एवं आर.आई.एन.एल. कर्मियों के लिए भी वेतन समझौता लागू करने आदि मांगों को प्रबंधन के सामने रखा किंतु प्रबंधन कोई स्पष्ट रुख व्यक्त ना कर 29 जनवरी 2024 को हड़ताल के दिन बैठक बुलाने की बात कही ।
इसीलिए स्थगित हुई 29 एवं 30 जनवरी की हड़ताल
प्रबंधन के अड़ियल रुख के कारण संयुक्त यूनियनों के हड़ताल पर जाने की सूचना मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) को मिलने पर उन्होंने केन्द्रीय स्तर पर सुलह वार्ता आहूत की एवं उनके परामर्श से प्रबंधन तथा यूनियनों में यह सहमति बनी कि “प्रबंधन ढाई महीने के भीतर मुख्य श्रमायुक्त (केन्द्रीय) कार्यालय को अवगत कराते हुए प्रभावी परिणाम दायक नियमित बैठकें कर यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा उठाये गए उक्त सभी मुद्दों का निराकरण करेगी तथा यूनियनें ढाई महीने के लिए हड़ताल स्थगित रखेगी” । संयुक्त यूनियनों ने आज गेट मीटिंग में स्पष्ट रूप से कहा कि यदि प्रबंधन मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय द्वारा दिए गए ढाई महीने में भी टाल मटोल की नीति अपनाता है तो ढाई महीने बाद संयुक्त यूनियन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होगी जिसकी पूरी जवाबदारी सेल प्रबंधन की होगी
घोटाला के पैसे से ही हो जाएगा कर्मचारियों एवं अधिकारियों का वेतन समझौता
गेट मीटिंग में संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि 19 जनवरी को केंद्र सरकार ने कार्यवाही करते हुए सेल के उच्च स्तरीय 29 अधिकारियों को सस्ते दाम में लोहा बेचने के घोटाला के आरोप में निलंबित कर दिया है प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह लगभग 7000 करोड रुपए का घोटाला है यदि यह 7000 करोड रुपए सेल को मिल जाते तो इस पैसे में न केवल कर्मचारियों एवं अधिकारियों का पूर्ण वेतन समझौता हो जाता बल्कि कर्मियों का पिछले वर्ष से ज्यादा बोनस दिया जा सकता था
प्रबंधन चोरों पर नकेल कसे कर्मियों पर नहीं
8 घंटा ड्यूटी करने के बाद संयंत्र से बाहर जाते समय कर्मी गाड़ी की डिक्की बैग आदि चेक करवा कर जाते हैं वहीं इन कर्मियों पर पल-पल नजर रखने के लिए प्रबंधन ने आरएफआईडी कार्ड एवं फेस रीडिंग सिस्टम लगाने की बात कही है जबकि संयंत्र के कर्मी उत्पादन के नई ऊंचाइयां को हासिल कर रहे है सही मायने में चोरी करने एवं कर्मचारियों पर सीना जोरी करने वालों के लिए नकेल कसने का कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा है जिस पर संयुक्त यूनियन के नेता भड़क गए और कहा कि यदि संयंत्र के उच्च अधिकारी सही व्यवस्था रखते तो आज इतना बड़ा घोटाला नहीं होता।
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