भिलाई। 14 फरवरी, 2024, (सीजी संदेश) : विगत दिनों टाटा मुख्य अस्पताल, जमशेदपुर में, 43 वां अखिल भारतीय इस्पात चिकित्सा अधिकारी सम्मेलन-2024 आयोजित किया गया था। इस अवसर पर प्रसिद्ध वक्ताओं सहित लगभग 500 प्रतिनिधि एकत्र हुए थे, जिसमें, 7 इस्पात संयंत्र अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ, भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा विभाग से 12 डॉक्टरों ने भाग लिया था। कॉमपेटेटीव पेपरों की सात श्रेणियां थीं, जैसे लॉन्ग पेपर, शॉर्ट पेपर, ओएचएस पेपर, टीक्यूएम पेपर, एमबीबीएस पोस्टर, पीजी पोस्टर के अलावा वाद-विवाद, संगोष्ठी और पैनल चर्चा भी इसमें सम्मिलित थे।
सम्मेलन का उद्घाटन, टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कॉर्पोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने, इस्पात कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में डॉक्टरों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, कि इस तरह के सम्मेलन चिकित्सा बिरादरी को चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद करेंगे और मैं आशा करता हूँ, कि चिकित्सक, चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे निरंतर विकास के बारे में जानकारी रखकर, एक स्थायी स्वास्थ्य और देखभाल प्रणाली बनाने में योगदान देंगे।
एयर वाइस मार्शल महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवाएं-टाटा) डॉ. सुधीर राय ने, प्रतिनिधियों का स्वागत किया और अपनी आशा व्यक्त करते हुए कहा, कि सभी डॉक्टर, सम्मेलन के थीम के अनुरूप हमारे कार्यबल, समुदाय और पर्यावरण की भलाई के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करेंगे। इस वर्ष के AISMOC के PRO-CON वाद-विवाद सत्र में, चिकित्सा प्रमुखों ने चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर वाद-विवाद किया। वाद-विवाद में भाग लेते हुए, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ ने सम्मेलन में “फार्मास्यूटिकल्स- वरदान या अभिशाप” शीर्षक पर एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी। सीएमओ डॉ. प्रमोद बिनायके ने ‘इस्पात कर्मचारियों के लिए सतत स्वास्थ्य’ विषय पर एक पैनल चर्चा में भाग लेते हुए, इस्पात कर्मचारियों में जीवन शैली की बीमारियों के विभिन्न पहलुओं और इससे जुड़ी रुग्णता को दूर करने के लिए, उठाए जाने वाले कदमों पर प्रकाश डाला, ताकि इस्पात उद्योग को स्वस्थ बनाए रखा जा सके। एसीएमओ और रेडियोलॉजी के प्रमुख डॉ प्रतिभा इस्सर ने, स्तन कैंसर – निदान के तौर-तरीके और उपचार नामक पैनल चर्चा में रेडियो-निदान के विशेषज्ञ के रूप में सक्रिय रूप से भाग लिया। डॉ. गुरमीत सिंह की “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल पर इसके प्रभाव” विषय पर चर्चा की बहुत सराहना की गई। एसीएमओ डॉ. सुबोध साहा ने, AISMOC में टीम की भागीदारी का प्रभावी ढंग से समन्वय किया और डॉ. सुकेश नायर द्वारा “असामान्य रक्तस्राव – कौन, क्यों, कहाँ और कब” विषय पर एक वार्ता की अध्यक्षता की। वरिष्ठ सलाहकार (एम एंड एचएस) डॉ. माला चौधरी ने “ऑक्यूपेशनल हीट स्ट्रेस – एन इनविजिबल थ्रेट इम्पेक्टिंग स्टील वर्कर” नामक शीर्षक पर, एक पेपर प्रस्तुत किया और ओएचएस श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। डिप्टी सीएमओ डॉ. अनिरुद्ध मेने ने टीक्यूएम श्रेणी में “इम्प्रूविंग वेटिंग टाइम फॉर ड्रेसिंग एट बर्न यूनिट – ए 6 सिग्मा अप्रोच” शीर्षक पर अपना शोध प्रस्तुत किया और दूसरा पुरस्कार जीता। मुख्य सलाहकार डॉ. मनीष देवांगन ने इंग्विनल हर्निया की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर, सर्जरी विभाग के वैज्ञानिक शोध कार्य को प्रस्तुत किया और उन्हें लॉन्ग पेपर पुरस्कार श्रेणी में तीसरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जबकि डॉ. अमित अग्रवाल ने क्लैविपेक्टोरल फेशिया प्लेन ब्लॉक का उपयोग करके फ्रैक्चर क्लैविकल के सर्जिकल प्रबंधन में एनेस्थीसिया विभाग के अनुभव को प्रस्तुत किया और उन्हें शॉर्ट पेपर श्रेणी में तीसरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विधान सरकार ने, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत, टीबी रोगियों को प्रदान की जाने वाली पोषण संबंधी सहायता के रोगियों को प्राप्त परिणाम पर प्रस्तुति दी। मेटास्टेसिस इन् ओरल कैविटी के विषयों पर वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पलाश तिवारी के एमबीबीएस पोस्टर को इस सम्मेलन में सराहना मिली। जबकि पीजी पोस्टर की श्रेणी में “डिटरमिनेशन ऑफ पल्मोनरी हाइपर टेंशन इन पेशेंटस् विथ इंड स्टेज रिनल डिसिज” विषय पर डिप्टी सीएमओ डॉ. संतोष नशीने की प्रस्तुति को भी सराहा गया। इस सम्मेलन के माध्यम से, पूरे भारत से प्रतिष्ठित फैकल्टी मेम्बर्स की बातचीत ने सभी प्रतिनिधियों को एक ज्ञानवर्धक वातावरण उपलब्ध करवाया। एयर मार्शल (डॉ.) राजन चौधरी का स्टील ओरेशन संबोधन जिसका शीर्षक “द कोविड स्टोरी” था और एयर मार्शल (डॉ.) पवन कपूर का ‘क्वालिटी इंटरवेंशन के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल में स्थिरता’ विषय पर मुख्य भाषण बहुत ही सराहनीय रहा। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए।AISMOC –2024 के सचिव डॉ. मिनाक्षी मिश्रा ने, कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन देते हुए, एक बेंचमार्क स्थापित करने और COVID पश्चात, AISMOC को पुनः सक्रिय करने के लिए, भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें विभाग के टीम की भरपूर सराहना की। उन्होंने इस वर्ष के AISMOC के आयोजन में, टाटा टीम का मार्गदर्शन करने के लिए भी भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें विभाग को धन्यवाद दिया। सस्टैनबिलिटी थीम, गुणवत्ता और ओएचएस पहलों का पालन करने के संकल्प के साथ इस सम्मेलन का समापन हुआ। ज्ञात हो कि 2025 में अगला AISMOC सम्मेलन, आईजीएच राउरकेला में प्रस्तावित है।
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