• Please enable News ticker from the theme option Panel to display Post

सर्वोच्च न्यायालय एवम उच्च न्यायालय के द्वारा पुलिस अफ़सरों को जारी गिरफ़्तारी के संबंध में नवीनतम दिशानिर्देशों से परिचित कराने राज्य भर से चयनित लगभग 200 पुलिस अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित

सर्वोच्च न्यायालय एवम उच्च न्यायालय के द्वारा पुलिस अफ़सरों को जारी गिरफ़्तारी के संबंध में नवीनतम दिशानिर्देशों से परिचित कराने राज्य भर से चयनित लगभग 200 पुलिस अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित

बिलासपुर। 18 फरवरी, 2024, (सीजी संदेश) : सर्वोच्च न्यायालय एवम उच्च न्यायालय के द्वारा अर्नेश कुमार vs बिहार राज्य, मो आसफ़ आलम vs झारखंड राज्य , सत्येंद्र कुमार अंतिल Vs CBI  में गिरफ़्तारी के संबंध में दिए गए दिशानिर्देशों के पालन हेतु पुलिस महानिदेशक एवं महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के निर्देश पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला विषय  “guidelines of honorable courts  का आयोजन किया गया ।
पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला के मार्गदर्शन में, बिलासपुर जिले के प्रार्थना सभा भवन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया ।  इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रफुल्ल एन भारत, महाधिवक्ता उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर , विशिष्ट अतिथि आशीष शुक्ला, अतिरिक्त महाधिवक्ता उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर,  डॉ सौरभ कुमार पांडे उप महाधिवक्ता उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर एवं डॉक्टर परवेश कुमार राजपूत, सहायक प्राध्यापक हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहे , जिन्होंने न्यायालय के मंशानुरूप गिरफ्तारी के संबंध में बिंदुवार निर्देश, जो उपरोक्त प्रकरणों के निर्णयो में जारी किए गए है, उसकी विस्तृत रूप से, राज्य भर से चयनित लगभग 200 पुलिस अधिकारियों  को प्रशिक्षित किया गया तथा यह प्रशिक्षण सेशन इंटरैक्टिव रहा। कार्यशाला  के दौरान ही उक्त प्रशिक्षकों द्वारा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों के जिज्ञासाओं को शांत किया गया एवं उनकी शंकाओं एवं समस्याओं का समाधान किया गया।
सेमिनार के आयोजन की अध्यक्षता कर रहे और संपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने वाले पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज, बिलासपुर डॉ संजीव शुक्ला ने कहा कि गिरफ़्तारी के संबंध में पुलिस के द्वारा न्यायालयों के दिशानिर्देशों का परिपालन वांछित है। इस संबंध में पुलिस अफ़सरों के लीगल नॉलेज एवं संवेदनशीलता में वृद्धि के लिए सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य पुलिस अफ़सरों को गिरफ़्तारी के संबंध में नवीनतम दिशानिर्देशों से परिचित कराना एवं इन दिशानिर्देशों का संकलन एक पुस्तिका के रूप में करना है। उन्होंने बताया पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार उक्त सभी प्रशिक्षण प्राप्त पुलिस अधिकारी मास्टर ट्रेनर के रूप में एक माह के अंदर अपने जिले के प्रत्येक विवेचक को इस विषय में प्रशिक्षित करेंगे।
महाधिवक्ता उच्च न्यायालय प्रफुल्ल एन भारत ने बताया कि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन एवम् स्वतंत्रता की रक्षा करना  है। अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के दिशानिर्देशों के पीछे मंशा को समझने की ज़रूरत है। दंड प्रक्रिया की संहिता धारा 41(1)(B) में दिए गए प्रावधानों का परिपालन ही अर्नेश कुमार के केस में बताया गया है, जिसे विवेचना संबंधी समस्त प्रकरणों में पालन करने की आवश्यकता है। उप महाधिवक्ता  सौरभ कुमार पाण्डे में मौक़े पर कहाँ की क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की दिशा अब साक्ष्य संकलन पर है।  उन्होंने गिरफ़्तारी के लिए  डाक्यूमेंटेशन की उत्कृष्टता पर ज़ोर दिया। डॉ परवेश कुमार राजपूत, सहायक प्राध्यापक हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर के द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के संबंध में माननीय न्यायालय के द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों से अवगत कराया गया। जिला बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने आशा जतायी कि पुलिस अफ़सर इस सेमिनार से  उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों से परिचित होकर अपने ज़िले के विवेचकों को ट्रेनिंग देंगे। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह,  द्वारा समस्त अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका आभार व्यक्त किया गया । कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा द्वारा किया गया। सभी अधिकारियों को उक्त दिशा निर्देशों की बुकलेट भी प्रदान की गयी ।सेमिनार के आयोजन में ज़िला पुलिस बिलासपुर के सभी अधिकारियों द्वारा  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई जिससे इस महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय आयोजन किया जा सका।

[URIS id=9218]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *