• Please enable News ticker from the theme option Panel to display Post

वैशाली नगर विधानसभा चलेगा जियो और जीने दो के तर्ज पर,,,,, जल्द ही जगह चयन कर स्थापित की जाएगी गुरु विद्यासागर महाराज की मूर्ति

वैशाली नगर विधानसभा चलेगा जियो और जीने दो के तर्ज पर,,,,, जल्द ही जगह चयन कर स्थापित की जाएगी गुरु विद्यासागर महाराज की मूर्ति

भिलाई 25 फरवरी 2024। जैन धर्म के प्रमुख गुरु जैन मुनि विद्यासागरजी महाराज की वैशाली नगर विधानसभा में भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी। विधायक रिकेश सेन ने यह घोषणा करते हुए बताया कि वैशाली नगर में जैन समाज से चर्चा कर प्रतिमा स्थल चयन कर जल्द ही मुनिश्री की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
श्री सेन ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने अपने जीवनकाल के दौरान गौ सेवा, मातृभाषा हिंदी, बालिका शिक्षा, आयुर्वेद, हथकरघा जैसे कई विषय पर समाज का मार्गदर्शन करने का काम किया। आचार्यजी ने कई अनमोल प्रवचन भी दिए, उन्होंने हमें सिखाया कि इंडिया नहीं भारत बोलो, शाकाहार अपनाओ, गोवंश की हत्या को रोको, स्वदेशी को बढ़ावा दो, हिंदी को अनिवार्य करो, समाज के संपन्न लोग दो गरीब बच्चों को गोद लेकर उन्हें पढ़ाएं, पर्यावरण की सुरक्षा हर व्यक्ति दायित्व है, दूसरों की भलाई के लिए सुखों का त्याग ही सच्ची सेवा है। मुनिश्री ने अहिंसा, जियो और जीने दो का संदेश देकर हम सभी के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाया है। उनकी प्रतिमा लगने से जहां युवाओं को उनके बताए मार्ग पर चलने की सीख मिलेगी वहीं मुनिश्री हर समय हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे। उन्हें हिंदी और संस्कृत सहित मराठी और कन्नड़ आदि भाषाओं का भी ज्ञान था। उन्होंने हिंदी और संस्कृत में कई पुस्तकें भी लिखी, जिसमें से मूक माटी महाकाव्य काफी लोकप्रिय हुआ। उनकी सिंह नाम की कविता को कई शैक्षणिक संस्थानों ने अपने पाठ्यक्रम में भी शामिल किया है। उन्होंने डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में आचार्य पद का त्याग करने के बाद 3 दिन का उपवास और मौन धारण कर लिया था। आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने 18 फरवरी को सल्लेखना विधि द्वारा  समाधि ली। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में मुनिश्री को आदर्श मानते हुए न सिर्फ जैन समाज बल्कि अन्य धर्मावलंबी भी जीवन में मानवता के लिए आवश्यक उनकी सीख को शिरोधार्य कर उन पर अमल करते हैं इसीलिए निगम क्षेत्र में मुनिश्री की भव्य प्रतिमा स्थापित करने का आज मैंने निर्णय लिया है, इसके लिए जैन समाज के प्रतिनिधियों से विमर्श कर शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मुनिश्री की भव्य प्रतिमा के आस-पास क्षेत्र को भी व्यवस्थित रूप से सजाया संवारा जाएगा ताकि लोग मुनिश्री के संदेश को आत्मसात कर उनके द्वारा दी गई शिक्षा को अपने जीवन में अपना सकें, उन पर अमल कर सकें।

[URIS id=9218]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *