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गोबर के कनडों से बनाई गई 70 फीट की होलीका,,,,, जड़ी ,बूटी लॉन्ग ईलाईची से क्षेत्र को किया गया पवित्र और सुगंधित

गोबर के कनडों से बनाई गई 70 फीट की होलीका,,,,, जड़ी ,बूटी लॉन्ग ईलाईची से क्षेत्र को किया गया पवित्र और सुगंधित

दुर्ग 26 मार्च 2024। सत्तीचौरा में गोबर के कण्डो, कपूर, लौंग, इलायची एवं सुगंधित धूप से किया गया होलिका दहन।छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग के सत्तीचौरा गंजपारा, में होलिका दहन पर अपनी ऐतहासिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी सिर्फ गोबर के कंडों से होलिका दहन किया गया, जोकि पूरे जिले की सबसे सरहानीय एवं ऐतिहासिक होली रही। आम तौर पर होली के दिन कई लोग होलिका में लकड़ियों के साथ साथ कई अन्य चीजें भी डाल देते हैं जिससे प्रदूषण फैलता है। लकडिय़ां भी अलग अलग तरह की होती है जिसका धुआं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में सत्तीचौरा, दुर्ग शहर में अनूठी पहल के तहत गोबर के कण्डो, कपूर, लौंग, इलायची एवं सुगंधित धूप से होलिका दहन किया गया। दहन के आयोजक प्रमुख योगेन्द्र शर्मा बंटी एवं राहुल शर्मा ने बताया कि सत्तीचौरा दुर्ग में विगत 10 वर्षों से सिर्फ गोबर के कण्डो एवं कपूर की होली जलाई जाती आ रही है, इस वर्ष गौठान, गौशाला, एवं डेयरी लगभग 4000 नग गोबर के कण्डो 8 किलो कपूर, 500ग्राम लौंग, 500 ग्राम एवं सुगंधित धूप से होलिका दहन किया जा रहा है। बंटी शर्मा राहुल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष हमारे द्वारा पूरे शहर में घूम घूमकर होलिका दहन समित्ति के आयोजकों से गोबर के कंडों की होलिका दहन करने की अपील की, समित्ति की अपील के चलते इस वर्ष शहर के लगभग 5 से 7 स्थानों पर सिर्फ गोबर के कंडों की होली जलाई गयी।समित्ति की अपील से शहर के गौठान एवं गौशाला में कंडों की बिक्री हुई जिससे गौ माता के चारों की व्यवस्था हो सकेगी, शहर में लगभग 10 हाजर से ज्यादा कंडे बिके है।  सत्तीचौरा में प्रातः 8 बजे होलिका दहन स्थल पर सबसे पहले गोबर का लेपन किया गया। फिर महिलओं द्वारा होलिका दहन स्थल पर पूजा अर्चना की गयी। उसके पश्चात आयोजक समित्ति के लक्ष्मी यादव दुर्गेश यादव संजय सेन रवि राजपूत भुरू यादव अरविंद यादव नितेश यादव, रवि यादव ने मिलकर अलग अलग स्थानों से माल गाड़ी में जाकर गोबर के कंडे एकत्रित किये और होलिका दहन स्थल पर लाकर जमाये। लगभग 7 फिट ऊंचा एवं 10 फिट चौड़ी होलिका जमाई गयी। वर्तमान में चारो तरफ दूषित संक्रमण फैली है जिसे देखते हुए प्रदूषण को शुद्ध एवं स्वच्छ वातावरण बनाने के उद्देश्य से इस वर्ष होलिका दहन में गोबर के कंडे, लौंग, इलायची, गुड़, निम के सूखे पत्त्ते की होली जलाई गई, होलिका दहन में होलिका माता एवं भक्त प्रहलाद की मूर्ति रखी गयी थीं, जोकि पूरे शहर की सबसे आकर्षित होलिका दहन बना जिसे देखने पूरे शहर के सैकड़ों लोग सत्तीचौरा आए। सत्तीचौरा वासियों द्वारा विगत 100 वर्षों से अधिक वर्षो से होलिका दहन किया जाता आया रहा है जिसमें प्रतिवर्ष सभी गंजपारा वासी सत्तीचौरा में उपस्थित होते है। इस वर्ष पंडित सुनील पांडेय द्वारा मंत्रोच्चार के साथ होलिका पूजन कराया गया, और सभी महिलाएं एवं पुरुष एक साथ मिलकर होलिका दहन स्थल पर पूजा अर्चना करते है। ततपश्चात सभी अपने अपने पूरे परिवार के सदस्यों के साथ पूजा थाल लेकर ढोल से आरती किये है। आरती के पश्चात पंडित सुनील पाण्डेय द्वारा पुष्पाञ्जलि कराई गई, ततपश्चात सभी सत्तीचौरा निवासी सभी एक दूसरे से गले मिलकर होली के पावन पर्व को बधाई दिए, छोटे लोग अपने से सभी बड़ों का पैर छूकर आर्शीवाद लिए। गंजपारा के इस आयोजन की खाश विशेषता यह भी है कि होलिका दहन के इस आयोजन में मुस्लिम समाज के युवा भी सहयोग एवं महेनत करते है।होलिका दहन में भक्त प्रहलाद एवं  होलिका माता की आकर्षित मूर्ति बनवाई गई थी, जिसे होलिका में रखा गया और होलिका में आग लग जाने के पश्चात भक्त प्रहलाद को निकाला गया, आकर्षित होलिका दहन को देखने के लिए सुबह से ही पूरे शहर के लोग आए और इस सरहानीय पहल की प्रशंसा किये।  होलिका दहन में अशोक राठी राजेश शर्मा विकाश पुरोहित प्रकाश टावरी मनीष सेन नरेंद्र शर्मा, कमल टावरी घनश्याम पंड्या नरेंद्र गुप्ता ललित शर्मा पिंकी गुप्ता रितेश सेन मनोज गुप्ता गोविंद गुप्ता गोपाल शर्मा ओमप्रकाश टावरी दीपक पण्डा आशीष मेश्राम मुकेश ओसवाल, महेश गुप्ता, विष्णु गुप्ता, ईशान शर्मा संजय सेन, रमेश गुप्ता, प्रकाश सिन्हा, राहुल दुर्गा अग्रवाल पदम् उपाध्याय सुंदर गुप्ता रिषी गुप्ता सौरभ पंड्या, सोनल सेन सुरेश यादव महेश गुप्ता एवं सेकड़ो गंजपारा वासी महिला पुरुष एवं बच्चे उपस्थित थे।

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