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Good morning : आज है स्मोकिंग डे, युवाओं को नशा छुड़ाने के लिए क्यूं उठाया ये बड़ा कदम, जानिए कब शुरू हुई यह मुहिम और क्या है इस साल की थीम।

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धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. यह स्लोगन कई बार लिखा, पढ़ा होगा. लोगों के मुंह भी सुना होगा. सिगरेट, बीड़ी और अन्य तम्बाकू पदार्थों का धूम्रपान व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है. स्मोकिंग के चलते फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और लोग सांस की विभिन्न बीमारियों से जूझने लगते हैं. अस्थमा उन्हीं में से एक गंभीर बीमारी है. एक बार अस्थमैटिक होने के बाद जीवनभर इस बीमारी से दो चार होना पड़ता है. धूम्रपान के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है. बुधवार को ही नो स्मोकिंग डे क्यों मनाया जाता है. इसका अपना एक इतिहास है. इसे जानना भी जरूरी है।
   
क्या आप जानते हैं ‘धूम्रपान’ (smoking) दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जो हर साल लाखों लोगों के मौत का मुख्य कारण बनता है? यह सिर्फ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का ही नहीं, बल्कि हृदय रोग, स्ट्रोक, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस यानी ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है। धूम्रपान के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को बताने और धूम्रपान छोड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस साल धूम्रपान निषेध दिवस 13 मार्च, बुधवार को मनाया जाएगा। आज धूम्रपान निषेध दिवस के अवसर पर आइए जानें धूम्रपान निषेध दिवस पहली बार कब मनाया गया और इससे होने वाले दुष्प्रभावों और बचाव-

क्यूं मनाया जाता है नो स्मोकिंग डे
इसका इतिहास यूनाइटेड किंगडम से जुड़ा हुआ है. दरअसल, यूनाइटेड किंगडम में लोग स्मोकिंग के आदी होना शुरू हो गए. देश की एक बड़ी आबादी इस नशे की चपेट में आ गई. यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने तय किया कि लोगोें को इस नशे से बचाने के लिए कोई योजना तैयार की जाए. इसके बाद मार्च के बुधवार को विशेष अभियान चलाया गया. इसे एश बुधवार नाम दिया गया. यूके मेें वर्ष 1984 मेें यह पहली बार मनाया गया. हालांकि जैसे जैसे समय गुजरा यह मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाना लगा. अब विश्व भर में हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को ही यह दिन मनाया जाता है।

नो स्मोकिंग डे का मकसद
इस दिन की शुरुआत नशे की लत लोगों को हमेशा के लिए धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के उद्देश्य से की गई थी. यह एक हेल्थ अवेयरनेस डे है. हर साल अलग थीम के साथ मनाया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान एक लत है. एक बार ब्लड में निकोटिन प्रवाहित होने पर इसकी लत लग जाती है. लोग लंबे समय तक इससे वंचित नहीं रह पाते हैं।

धूम्रपान निषेध दिवस का महत्व
लोगों को धूम्रपान के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने और समय पर इसे छोड़ने में मदद करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई थी। धूम्रपान छोड़ना बहुत समर्पण और प्रेरणा का काम है क्योंकि जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं, उनके शरीर को इसकी लत लग जाती है। यदि वे धूम्रपान करना बंद कर देते हैं, तो उनका शरीर इस तरह प्रतिक्रिया करता है कि वे तंबाकू के लिए तरसते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के मुताबिक, सेकेंड हैंड स्मोकिंग से हर साल लगभग 12 लाख लोगों की समय से पहले मृत्यु होती है। इसलिए यह दिन हर किसी के लिए इस घातक आदत को छोड़ने की दिशा में पहला कदम उठाने का एक अच्छा अवसर है। विभिन्न शोधों के अनुसार, यह पाया गया है कि धूम्रपान निषेध दिवस 10  में से 1 व्यक्ति के लिए मददगार साबित हुआ है जो इस बुरी आदत को छोड़ना चाहता था।

धूम्रपान के प्रभाव:
* खांसी और गले में जलन
* सांसों की दुर्गंध और बदबूदार कपड़े
* रूखी त्वचा और दांतों का मेला पन या मलिनकिरण
* भ्रूण की गंभीर स्थिति
* हृदय रोग और फेफड़ों का कैंसर
* डब्ल्यूएचओ के अनुसार तंबाकू अपने आधे उपयोगकर्ताओं को मार डालता है।
तंबाकू से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। उन मौतों में से 70 लाख से अधिक प्रत्यक्ष तंबाकू के उपयोग से मारे जाते हैं। दुनिया भर के 130 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से 80 फीसदी से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।धूम्रपान निषेध दिवस उन लोगों के लिए भी खास होता है जिन्हें लगता है कि उनके चाहने वाले इस जानलेवा आदत की वजह से उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। वे उन्हें सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करके उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं।इसलिए यदि आप धूम्रपान करने वाले व्यक्ति हैं या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो धूम्रपान करता है, तो आगे आएं और धूम्रपान के खिलाफ एक साथ प्रतिज्ञा करें।

क्या है साल 2024 की थीम
साल 2024 की थीम ‘बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना’ है। धूम्रपान निषेध दिवस पहली बार साल 1984 में आयरलैंड गणराज्य में मनाया गया था। दूसरे बुधवार के दिन शुरू होने से पहले यह मार्च के पहले बुधवार को मनाया जाता था। समय के साथ यह दूसरे बुधवार को मनाया जाने लगा। इसके बाद से यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में यह एक वार्षिक कार्यक्रम की तरह मनाया जाता है। आपको बता दें, 1920 दशक के सालों में चिकित्सा रिपोर्ट्स ने धूम्रपान को कैंसर और अन्य बीमारियों के साथ जोड़ा था। शोधकर्ताओं के मुताबिक धूम्रपान निषेध दिवस कारगर साबित हुआ है। देखा गया है कि इस दिन दस लोगों में से कम से कम एक व्यक्ति धूम्रपान छोड़ता है।

80 लाख लोगों की होती हैं मौत
एक्सपर्ट्स का मानना है कि, तंबाकू से हर साल 80 लाख लोगों की मौतें होती हैं। सिगरेट पीना खुद की हत्या करना जैसा है। धूम्रपान करने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आने से भी अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। तंबाकू के सेवन से दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा मौतें होती हैं।

आप अपने जीवनशैली में करें इस तरह बदलाव- जानकारों के अनुसार, ‘निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी’ उन शुरुआती चीजों में से एक है जिनसे लोग धूम्रपान छोड़ने की शुरुआत करते हैं। निकोटिन गम या पैच उनकी लालसा को कम करने में मदद करता है। लेकिन, फिर भी आपका शरीर निकोटिन की मांग करता है जिसके लिए आपको थोड़ा समय लग सकता है। हर किसी के अपने ट्रिगर पॉइंट होते हैं, जो धूम्रपान की इच्छा को जन्म देते हैं। ऐसे में अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो इन ट्रिगर्स से बचना सबसे अच्छा है। उदाहरण के लिए, पार्टियों में जाना या लंबे समय तक फोन पर बात करना या तनाव अक्सर धूम्रपान करने की इच्छा को ट्रिगर करता है। कोशिश करें ऐसे माहौल से बचें।
परिवार और दोस्तों का समर्थन जरूरी- परिवार और दोस्तों का समर्थन इस प्रक्रिया के दौरान बेहद आवश्यक है। अगर आप धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो अपने करीबियों के साथ इसे साझा करें और उन्हें भी अपनी जर्नी का हिस्सा बनने के लिए कहें। प्यार और समर्थन हमेशा आपको एक लंबा रास्ता तय करने में मदद करता है। इसके अलावा अगर आपको ज्यादा दिक्कत महसूस हो रही है, तो एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं।
दिनचर्या करें निर्धारित- एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो आप शारीरिक गतिविधियों में लिप्त रहें और अपने ध्यान को भटकाने की कोशिश करें। एक दिनचर्या निर्धारित करें और उसी के अनुसार शारीरिक गतिविधि को शामिल करें। चाहे टहलना, दौड़ना या फिर कोई अन्य व्यायाम या जिम जाना जिसमें भी आप सहज महसूस करें उसे करना शुरू करें। शारीरिक गतिविधियां न केवल आपको फायदा देंगी बल्कि ध्यान भटकाने में भी मदद करेंगी। इसके अलावा, आप अपने खान पान का भी विशेष ध्यान रखें। अपने आहार में अधिक सब्जियों और फलों को शामिल करना शुरू करें।

नो स्मोकिंग डे पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम
यूनाइटेड किंगडम के अलावा दुनियाभर में इस दिन स्मोकिंग के खिलाफ अवेयरनेस लाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जो लोग स्मोकिंग छोड़ना चाहते हैं. उन्हें इस कार्यक्रम में इनवाइट भी किया जाता है. इसके अलावा जो लोग दूसरों को नशे की दलदल से बाहर निकालना चाहते हैं. उन्हें भी इस दिन जोड़ा जाता है. एक स्टडी मेें यह भी सामने आया है कि इस दिन की वजह से काफी लोग नशे को छोड़ने के लिए प्रेरित भी होते हैं।

लोगों को धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में सूचित करना और उन्हें छोड़ने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है । धूम्रपान निषेध दिवस लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने का एक जीवन रक्षक अवसर प्रदान करता है। यह दिन स्वस्थ जीवन शैली और धूम्रपान मुक्त वातावरण को बढ़ावा देना है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार , तंबाकू महामारी वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे हर साल 8 मिलियन से अधिक लोग मारे जाते हैं। इनमें से 7 मिलियन से अधिक मौतें प्रत्यक्ष तम्बाकू उपयोग के कारण होती हैं , जबकि लगभग 1.3 मिलियन गैर-धूम्रपान करने वालों के धूम्रपान के संपर्क में आने के कारण होती हैं । इन खतरनाक मृत्यु दरों से अवगत होने के बावजूद, बहुत से लोग अभी भी धूम्रपान करते हैं और उन्हें छोड़ना मुश्किल लगता है। नशा चाहे धूम्रपान का हो या फिर किसी भी चीज का छोड़ना आसान नहीं होता है। धूम्रपान से 7000 हानिकारक तत्व निकलते हैं जिनमें से 250 तो सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं, इन्हीं हानिकारक तत्वों के कारण शरीर के तंत्रिका तंत्र पर भी असर होता है। इंसान नशे का आदी हो जाता है नशा मुक्त नहीं हो पाता है। हर वर्ष 70 लाख लोगों की मृत्यु का कारण धूम्रपान है।

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