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Good morning : विश्व जल दिवस : रहिमन पानी रखिये, पानी बिन सब सून। पानी बिन न ऊबरैं, मोती मनुष चून।।

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जल समस्त प्राणी एवं वनस्पति के जीवन का मूल आधार हैं। मीठे पानी के महत्व और इसके संसाधनों के स्थाई प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को दुनिया भर में विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। इस साल 2024 में वर्ल्ड वॉटर डे 22 मार्च को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इसका मुख्य फोकस सतत विकास लक्ष्य (SDG 6) पाने के लिए 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता के समर्थन में वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना है।

रहिमन पानी रखिये, पानी बिन सब सून। पानी बिन न ऊबरैं, मोती मनुष चून।। प्रसिद्ध कवि रहीम दास जी की इन पंक्तियों में निश्चित ही पानी शब्द का अलग अलग अर्थ है। लेकिन इतना तो तय है की इस पानी की जरूरत सभी को है। या ये कहें की इस पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। फिर वो पानी चाहे जिस रूप में हो। पानी हमारे रोजमर्रा के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है और पृथ्वी पर हमारा अस्तित्व इसी से है| पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी का लगभग ढाई प्रतिशत ही मीठा पानी है और बढ़ती जनसँख्या और पानी के व्यर्थ उपयोग के कारण मीठे पानी की कमी अब नजर आने लगी है| जल संकट एक ऐसी स्थिति है जहां किसी क्षेत्र के भीतर उपलब्ध पीने योग्य, अप्रदूषित पानी उस क्षेत्र की मांग से कम हो जाता है| जीव-जंतु हो या मनुष्य इस धरती पर जीवित रहने के लिए स्वच्छ पानी सभी के लिए जरूरी है। परन्तु मानवीय हस्तक्षेप के कारण आज जिस तरह से शुद्ध जल का संकट सम्पूर्ण पृथ्वी पर मंडरा रहा है, ऐसे में मनुष्यों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ने की पूरी संभावना है। फिलहाल हम इस स्टोरी में पानी यानि वाटर की बात करंगे। पृथ्वी पर पानी के संसाधनों को बनाए रखने और लोगों को जल संकट के प्रति जागरूक करने के लिए एक दिन विश्व जल दिवस (World Day for Water) के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं विश्व जल दिवस कब है और क्या है इस साल की थीम

विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है
विश्व जल दिवस को पहली बार औपचारिक रूप से रियो डी जनेरियो में ‘पर्यावरण और विकास’ पर 1992 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के एजेंडा 21 में प्रस्तावित किया गया था| दिसंबर 1992 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को अपनाया और प्रत्येक वर्ष के 22 मार्च को जल के लिए एक विश्व दिवस (World Water Day) घोषित किया गया, जिसके बाद वर्ष 1993 में पहला विश्व जल दिवस मनाया गया| आपको बता दें कि 2010 में, United Nations ने “सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार” को एक मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी है।”

विश्व जल दिवस का उद्देश्य
विश्व जल दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है जिसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करना और एक सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्रवाई करना है| संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाने वाला वर्ल्ड वाटर डे, स्वच्छ पानी का जश्न मनाता है और वर्तमान में सुरक्षित पानी तक पहुंच के बिना रहने वाले 2 बिलियन लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है| विश्व जल दिवस का मुख्य फोकस सतत विकास लक्ष्य “2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता” की दिशा में कार्रवाई को प्रेरित करना है| इसे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य जल के महत्व तथा जल की आवश्यकता एवं संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करना है। पृथ्वी पर तेजी से घटते जलाशयों और लुप्त होते पीने योग्य पानी के स्रोतों को देखते हुए आज जल संकट एक बड़ा मुद्दा बन गया है, ऐसे में लोगो की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखें तो शुद्ध जल की उपलब्धता को हर इंसान तक पहुंचाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। कई जगहों पर तो पीने के पानी की इतनी किल्लत है कि वहां पानी को लेकर लड़ाइयां तक हो जाती है।इसके आलावा अब तो यहाँ तक सुनने को मिलता है कि अगला विश्वयुद्ध स्वच्छ पानी को लेकर ही होगा।

पानी के बारे कुछ जरूरी जानकारी
* पृथ्वी का करीब तीन चौथाई हिस्सा पानी से भरा है, लेकिन धरती पर मौजूद पानी के विशाल स्त्रोत में से महज एक- डेढ़ फीसदी पानी ही पीने और दैनिक क्रियाकलापों योग्य है।
* दुनियाभर में इस समय करीब दो अरब लोग ऐसे हैं, जिन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिससे लाखों लोगों की बीमार होकर असमय मृत्यु हो जाती है।
* पृथ्वी पर उपलब्ध पानी की कुल मात्रा में से मात्र तीन प्रतिशत पानी ही स्वच्छ बचा है और उसमें से भी करीब दो प्रतिशत पानी पहाड़ों व ध्रुवों पर बर्फ के रूप में जमा है, बचे एक प्रतिशत पानी का इस्तेमाल पेयजल, सिंचाई, कृषि और उद्योगों के लिए किया जाता है।

विश्व जल दिवस 2024 की थीम 
हर साल World Water Day in Hindi एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। इस साल 2024 की थीम Leveraging Water for Peace है। वहीं 2023 में इसकी थीम थी – “अक्सेलरेटिंग चेंज”- तेज़ी से परिवर्तन है। इस थीम के द्वारा जल क्षेत्र में तेज़ी और तत्कालीनता के महत्व पर ज़ोर दिया गया था। साथ ही, लोगों, समुदायों और पर्यावरण पर प्रभाव डालने वाले महत्त्वपूर्ण जल सम्बन्धी मुद्दों को संबोधित किया जायेगा। इस साल दुनियाभर में यह दिवस 2024 की थीम के तहत मनाया जाएगा और विभिन्न राष्ट्रों द्वारा कार्यक्रम भी इसी थीम के आधार पर आयोजित किए जायेंगे।

पिछले वर्षों में जल दिवस की  थीम 
2022 : “Groundwater, Making the Invisible Visible” इसका हिंदी अनुवाद “भूजल, अदृश्य दृश्यमान बनाना” है
2021: जल का मूल्यांकन
2020: जल और जलवायु परिवर्तन
2019: किसी को पीछे नही छोड़ना (लीवींग नो वन बीहांइड)।
2018: जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान।
2017: अपशिष्ट जल।
2016: जल और नौकरियाँ।
2015: जल और दीर्घकालिक विकास।
2014: जल और ऊर्जा।
2013: जल सहयोग।
2012: जल और खाद्य सुरक्षा।
2011: शहर के लिये जल: शहरी चुनौती के लिये प्रतिक्रिया।
2010: स्वस्थ विश्व के लिये स्वच्छ जल।
2009: जल के पार।
2008: स्वच्छता।
2007: जल दुर्लभता के साथ मुंडेर।
2006: जल और संस्कृति।
2005: 2005-2015 जीवन के लिये पानी।
2004: जल और आपदा।
2003: भविष्य के लिये जल।
2002: विकास के लिये जल।
2001: स्वास्थ के लिये जल।
2000: 21वीं सदी के लिये पानी।
1999: हर कोई प्रवाह की ओर जी रहा है।
1998: भूमी जल- अदृश्य संसाधन।
1997: विश्व का जल: क्या पर्याप्त है।
1996: प्यासे शहर के लिये पानी।
1995: महिला और जल।
1994: हमारे जल संसाधनों का ध्यान रखना हर एक का कार्य है।
1993: शहर के लिये जल।

वर्ल्ड वाटर डे कैसे मनाया जाता है?
* विश्व जल दिवस कई जागरूकता कार्यक्रमों, तथा भाषण आदि जैसे क्रियाकलापों के आयोजन की मदद से मनाया जाता है। इस साल विश्व जल दिवस 2024 की थीम Leveraging Water for Peace है।
* इस दिवस से संबंधित सभी कार्यक्रम लोगों को जल के महत्व, इसकी आवश्यकता तथा जल के लगातार प्रदूषित होने से शुद्ध जल व पीने योग्य पानी पर गहराते संकट को ध्यान में रखकर मंचीय तथा नाटकीय तरीके से जागरूकता फैलाते हुए मनाया जाता है।
* साथ ही इस मौके पर भाषण तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है जिनका मुख्य टॉपिक जल संरक्षण के इर्दगिर्द या इससे सम्बन्धित होता है। इसके आलावा Save Water पर Poster Making  Competition तथा टीवी, रेडियो, इंटरनेट और अखबार के माध्यम से जल संरक्षण का उपाय एवं भविष्य में आने वाले जल संकट से अवगत कराते हुए ढेर सारी गतिविधियां की जाती है।

जल संरक्षण के उपाय
* जन-जन में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जाए और उन्हें जल संचय के बारे में भी बताया जाए।
* नहाते समय शावर या बाथटब को इस्तेमाल करने की बजाय बाल्टी में पानी भरकर स्नान किया जाए जिससे पानी बचाया जा सके।
* ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते समय या फिर हाथ धोते समय आवश्यकता ना पड़ने पर नल को बंद कर दें, हो सके तो जग या मग में पानी रखकर यह सभी काम करें।
* पहले बरसात का पानी तालाबों और जलाशयों में एकत्रित हो जाता था जिसका इस्तेमाल बाद में किया जाता था, लेकिन आज तालाबों की कमी है ऐसे में जल संरक्षण के लिए पुनः तालाब और जलाशयों का निर्माण किया जाए और उसमें वर्षा के जल को फिर से संरक्षित किया जाए, जिससे भू अंतर्गत जल का स्तर भी तेजी से बढ़ेगा।
* सार्वजनिक जगहों जैसे पार्कों, अस्पतालों, मंदिरों और स्कूलों में लगी नल की टोंटियाँ अधिकतर खराब ही पाई जाती है, ऐसे में हम इन खराब टोंटीयों के चलते कई हजार लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं, हमें इन नलों को पुनः मरम्मत कराकर इन्हें जल्द से जल्द ठीक कराना चाहिए जिससे पानी व्यर्थ ना हो।
* सरकार को यह ध्यान देना चाहिए कि कारखानों नालियों और सीवर आदि का पानी नदियों के शुद्ध जल में ना मिले इससे नदियों के पानी को भी पीने योग्य बनाया जाए और अन्य कामों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सके।
* पानी संरक्षण के लिए हमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे वर्षा के जल को एकत्रित किया जा सके यह तकनीक अब तक की सबसे कारगर मानी जाने वाली टेक्नोलॉजी है जिससे वर्षा के जल को काफी मात्रा में एकत्रित किया जा सकता है।
* सरकारों को जल संरक्षण और जल व्यर्थ करने वालों पर सख्त कानून बनाने चाहिए।
* पेड़ों की कटाई से धरती की नमी में लगातार कमी आ रही है जिससे भूजल स्तर पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में हमें वृक्षारोपण करना चाहिए और लोगों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
* साथ ही हमें सब्जियों और फलों को धोते समय बचे पानी और कपड़े धोते समय बचे पानी का इस्तेमाल घर के सफाई आदि के लिए करना चाहिए।

जल दिवस का महत्व
* मानव की उत्पत्ति के लिए पानी कितना जरूरी है इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है की अब दूसरें ग्रहों पर जीवन की तालाश के लिए पानी की खोज को प्राथमिकता दी जा रही हैं। और अधिकांश संस्कृतियों का विकास भी नदी के किनारे बताया जाता हैं।
* लेकिन दुनिया में मौजूद पानी की मात्रा का केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के योग्य है। बाकी 99% पानी नदियों, महासागरों, झीलों और झरनों आदि के रूप में उपलब्ध है जो या तो दूषित है या इतना खारा है की उसे पीया नहीं जा सकता।
* आज पानी की कमी का मुख्य कारण पानी का अनावश्यक उपयोग ही है। लोगों की बढ़ती आबादी और औद्योगिकीकरण के कारण आज नदियाँ लगातार दूषित होती जा रही है और स्वच्छ पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है।
* पानी के बिना जीवन असम्भव है, इसलिए पानी की बचत करने की आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है।

संकल्प व पानी का संरक्षण
 22 मार्च ‘ अर्थात ‘ विश्व जल दिवस ‘ पानी बचाने के संकल्प का दिन है यह दिन जल के महत्व को जानने और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन है. प्रकृति इंसान को जीवनदायी संपदा जल चक्र के रूप में प्रदान करती है. इंसान भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आंकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है. चक्र को गतिमान रखना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. इस चक्र के थमने का अर्थ है जीवन का थम जाना. हम स्वयं पानी का निर्माण नहीं कर सकते. प्रकृति के खजाने से जितना पानी हम लेते है उसे वापस भी हमें ही लौटाना है. अतः प्रकृतिक संसाधनों को दूषित नहीं होने देना चाहिए और पानी को व्यर्थ होने से बचाना चाहिए।

वैसे तो हमारी धरती चारो तरफ से पानी से घिरी है। यानि पानी पृथ्वी के लगभग 70% हिस्से को कवर करता है। लेकिन सवाल ये आता है की क्या हम इस पुरे पानी का प्रयोग कर सकते हैं। तो इसका जवाब है की नहीं। दरअसल पृथ्वी में मीठे पानी की मात्रा केवल लगभग 3% है। और इसमें से भी इस पानी का दो-तिहाई भाग या तो जमा हुआ है या फिर अत्यंत दुर्गम और उपयोग के लिये अनुपलब्ध है। ऐसे में ये तथ्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि जल एवं स्वच्छता हेतु किये जाने वाले उपाय हमारे लिए कितने उपयोगी हैं। दोस्तों अगर अब भी जल का संरक्षण नहीं किया गया तो पृथ्वी पर शुद्ध जल को लेकर बड़ा संकट आना निश्चित है। क्योंकि जल है तो कल है।

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